आज संसार में सभी अशांति और अनेक तरह की समस्याओं से ग्रसित है और वह इसका निदान चाहता है और वह संसार में उस निदान के लिए अनेकों तरह की क्रिया प्रतिक्रिया करते हैं लेकिन क्षणिक सुख मिलता है क्षणिक शांति मिलती है क्षणिक समस्या का समाधान होता है पूर्ण रूप से समाधान नहीं होता है इसी के परिपेक्ष पर एक बात आप लोगों को बताने जा रहा
👉👨🎤 किसी व्यक्ति ने मुझसे कहा कि तुम इतना ही उम्र से आध्यात्मिक क्षेत्र में क्यों जुड़ गए हो तो
👉🧘♂️ "मैंने उनसे कहा पता नहीं कब इस शरीर को क्या हो जाए कब नष्ट हो जाए इसलिए समय रहते ईश्वर भजन में जुड़ गया हूं "
और अपना सब कुछ उसको सौंपकर के कार्य कर रहा हूं
तो उन्होंने कहा ऐसा बुढा अवस्था में करना चाहिए तो
* मैंने कहा बूढा अवस्था मैं शरीर जीर्ण हो जाता है कुछ करने के लायक नहीं रहता है जो सोचता है वह कर नहीं पाता है और जो करता है वह युवावस्था में ही जब तक आपका शरीर स्वस्थ है तब तक ही आप कर सकते हैं और मैं अपना बात बताओ कि अगर आप किसी भी तरह की समस्या के फेर में पढ़ते हैं तो आप प्रभु को याद करते हैं और उसके बाद कुछ उपाय भी करते हैं चाहे केस मुकदमा हो चाहे रोग व्याधि हो चाहे कोई संकट हो चाहे किसी भी तरह का विपत्ति क्यों न हो तो आप प्रभु को याद करते हो बात बाकी भूल जाया करते हो इसलिए ऐसा होता है अगर आप प्रभु से जुड़े रहेंगे उसके शरण में रहेंगे और उसके बाद सांसारिक कार्य करेंगे आपको जो बाद आएगा वह ढलता जाएगा और आपको और शांति की भी अनुभूति नहीं होगी आपका मन शांत रहेगा और संसार में आपका ऐश्वर्या भी होगा उस व्यक्ति ने कहा अरे भाई ऐसा कार्य तो कभी कर लेंगे अभी तो अगर कोई बच्चा है तो खेलने कूदने का टाइम है अगर बढ़ा हुआ है तो पड़ा लिखाई का काम करेंगे उसके बाद शादी विवाह नौकरी चाकरी पुत्र परिवार और अंत में प्रभु को याद करेंगे तो मैंने कहा जब आप अंत में याद कीजिएगा ही आपको याद करना पड़ेगा ही आपको उसके शरण में जाना पड़ेगा ही और कभी भी आपको जाना ही है तो आज ही जान लो और मान लो कि मैं उसके शरण में हूं उसको समर्पित करता हूं और उसके नाम से हर कार्य को करता हूं तो आपका सब बिगड़ता जो गया था काम सब बनता जाएगा और @
@बीसवीं सदी के महान संत सतगुरु महर्षि में हीं ने साफ-साफ कहा है
"संत माता बिनु गति नहीं सुनो शक्ल दे कान"
जो चाहे उधार को बनो संत संतान ।।
चाहे तुम कितना भी कुछ कर लो उसके शरण में जाना ही पड़ेगा यह आज ही जान लो आज मानो या कल मानो या कभी भी मानोगे तुम को मारना पड़ेगा तुमको संत सद्गुरु का शरण में जाना होगा और एक का नहीं यह सबों की बात है उसको जाना पड़ेगा और तब ही कल्याण संभव है और पूरी दुनिया में सबको इसी रास्ते पर जाकर ही शांति मुक्ति उन्नति प्रगति आकांक्षा सुख सभी तरह के आनंद आपको मिलेंगे इसलिए आज ही सतर्क हो जाएं और आज ही यह विश्वास कर लो की हमें प्रभु की शरण में जाना होगा तभी मेरा कल्याण संभव है इसलिए मैंने शीर्षक दिया "आज ही जान लो" क्योंकि स्कोर की सबको संत सदगुरु की शरण में जाना ही पड़ेगा और सदयुक्ति लेकर के साधना करना ही पड़ेगा और तब जाकर के आप का आवागमन का चक्र खत्म होगा इसके अलावा कोई रास्ता नहीं है।
गुरुवार, 16 मई 2019
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