योग करे निरोग रहे !
🧘♂️भारत की इस भूमि पर योग की विशाल परंपरा रही है
और सदियों से ऋषि-मुनियों ने इसी योग को करके दिखाया सिद्ध करके दिखाया
और उसका प्रचार-प्रसार हर घर घर जाकर के जन-जन के पास किया और सब को स्वस्थ किए
लेकिन आज हम लोग ही इससे बहुत पीछे हो गए हैं
इसलिए आइए हम लोग इसी योग को करें
और अपने जीवन को स्वस्थ और निर्मल एवं दीर्घायु बनाएं
जिससे जीवन खुश मय और खुशहाल होगा
और तनाव से मुक्त रहेंगे स्वस्थ रहेंगे समाज स्वस्थ रहेगा
आइए
आज आप लोगों को उस प्राणायाम के बारे में बताने जा रहा हूं जो प्रायः सभी लोग किया करते हैं और बहुत ही सरल है बहुत ही आसान है लेकिन जो यह प्राणायाम करते हैं उनको अनेक फायदा होता है ।
आज आप लोगों के बीच एक प्राणायाम बताने जा रहा हूं उसका नाम है अनुलोम विलोम ।
अनुलोम विलोम प्राणायाम कैसे करें?
👉 अनुलोम विलोम प्राणायाम करने की विधि
👉 किसी ध्यान वाले आसन में आप बैठ जाएं
दाएं हाथ को उठाकर दाएं हाथ के अंगूठे से दाएं स्वर को बंद करें
फिर बायें स्वर से श्वास लेकर फेफ्रा को भरेंगे
मध्यमा तथा अनामिका से बाएं स्वर को बंद करेंगे
दाएं स्वर से हवा को बाहर निकाल देंगे
फिर दाएं स्वर से लंबी गहरी सांस लेकर के फेफ्रा में भरेंगे
और अंगूठा से दाएं स्वर को बंद करके बाएं स्वर से हवा को बाहर निकाल देते हैं
लगभग इस क्रिया को 15 मिनट तक जरूर करें
इस क्रिया को करते समय आंखों को बंद रखकर करे तो अधिक से अधिक लाभ होता है।
और यह क्रिया करते समय ओम का जप भी कर सकते हैं
अगर आपको विशेष थकान महसूस होने लगे तो आप कुछ देर के लिए रुक जाइए।
👉👉अनुलोम विलोम से लाभ :-
👉अनुलोम विलोम प्राणायाम के अभ्यास से संपूर्ण नाड़ियों की शुद्धि होती है
जिससे वे पूर्ण स्वस्थ कांति में एवं वरिष्ठ बनता है।
👉संधिवात आम वात गठिया ,स्नायु ,दुर्बलता ,मूत्र रोग समस्त बात रोग, धातु रोग अम्लपित्त ,सर्दी जुकाम, पुराना नजला, दमा ,खांसी ,साइनस ,टॉन्सिल आदि दूर होते हैं
👉हृदय की शिराओं में आए हुए अवरोध खुल जाते हैं ।
👉नकारात्मक चिंतन में परिवर्तन होकर सकारात्मक चिंतन आने लगता है
👉 आनंद उत्साह और निर्मलता की प्राप्ति होती है
रविवार, 28 जुलाई 2019
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